20 मई 2012

दोनों सेम टू सेम ...

नीली चुनर का आसमान रोज मुझे चिढाता है ,
देख मेरा अनंत जहाँ है ....
मैंने उसे अपना दिल दिखाया और कहा ,
जा सिर्फ उसके भीतर झंख कर देखकर आ ,
आज तक वापस नहीं आये ,
वो जो बेतरतीबसे लम्हे भेजे थे उसने भीतर ....
हाँ ये अरमानोका आकाश है ,भीतरकी गहराई लिए ,
दोनों सेम टू  सेम ...

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