हम हो गये हैं चूर चूर ,
खुशी से डर लगने लगा ,
ग़म झेले हैं भरपूर।
वजह नहीं थी पास गैरों के,
हमें अश्कों से नहलाने की,
वो तो सारे अपने निकले,
ज़हर घोलते रहे ,
दुआ देते हुए जीए जाने की ......
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
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