20 सितंबर 2023

अलविदा

 हमने कब कहा कि हम इस दुनिया के हैं,

गलतफहमी हमें ही तो थी कि हम इस दुनिया के हैं।

ना जमी एक सी थी ना आसमान एक सा था,

फिर क्यों हमारी उम्मीद एक सी बनी रही???

वफाएं हमारी भले शिद्दत से भरी रही,

राह तुम्हारी थी की ,

हमारी वफाए तुम्हें तुमसे मिली ही नहीं।

अब न मिलने की चाहत है,

चाहत बिछड़ने की तुम्हारी यादों से।

मखमली तकिये के सिरहाने सोकर,

चलो इस दुनिया को अलविदा कहा चले।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

विशिष्ट पोस्ट

मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!

आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...