11 जून 2012

मैं क्यों मजबूर हूँ ???

मैं क्यों मजबूर हूँ ???
मुझे चलाता है कोई ,
मुझे हंसाता है कोई ,
क्यों मेरी जिंदगीमें आता है कोई ???
एक पंखोको तोलती उड़ान पर
अपनी पसंदकी मोहर लगाता है कोई ???
चलो एक दिन के लिए सबको भूल जाते है ,
सारे बंधन तोड़कर एक पेड़ पर छुप जाते है .....
मैं खुद कहीं दूर कहीं दूर चली जाती हूँ ...
जहाँ मैं खुदको थोड़ी देर प्यार कर सकू !!!!

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