धूपकी चद्दर कुछ मैलीसे लगती है ,
जब हवाए चलती है तेज तेज ...
हारती हुई धूप चुपचाप खड़ी है पेड़की छाँव तले ,
बादलको कोसती हुई ,सूरज की जुदाईमें ....
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हमारे सारे सपने कल चाँद चुराकर ले गया ,
सिरहाने जो सजाके रखे थे उसीके लिए ...
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हवाओमे नमीकी सीलन लग गयी जबसे ,
खामोशियोके दायरे हमतुमके बीच कायम हुए ....
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उस प्यारको क्या कहें ?? जिसका कभी इज़हार न हो ,
बस दो लम्होंका सपना था , जो सुबहकी ठोकरसे टूट गया ....
हमारे सारे सपने कल चाँद चुराकर ले गया ,
जवाब देंहटाएंसिरहाने जो सजाके रखे थे उसीके लिए ...
wah wah wah
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