चलो आज फिर एक इकरार करते है ,
हम तुमसे कभी प्यार नहीं करते है ,
भ्रम के आयने पर एक पत्थरसे
निशाना लगाकर वार करते है .........
आयना और दिल दोनों शीशे से बनते है ,
जो हर पल टूटनेका डर लिए जिए जाते है ,
कोई लम्बी आयुष्य की डोर लेकर आते है ,
कोई हौलेसे छूने पर भी टूट जाते है ........
बस अब डर डर के जीना अब रास नहीं आता ,
तुम छोड़कर चले जाओगे तो कैसे जियेंगे
ये सोचकर नींदसे दुश्मनी का बहाना नहीं आता ,
लौट कर आने की वजह देना नहीं भाता ....
अलविदा ..अलविदा ...अलविदा ...
ये हम जानकर कह रहे है
क्योंकि ...
हम जानते है की तुम्हारा प्यार कोई और है ...
और ये सच है कि ..
तुम्हे बे इन्तहा चाहता कोई और ही है ...
प्यार की खुबसूरत अभिवयक्ति....
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