18 जनवरी 2012

मुझ पर मत जाया कीजिये....

मेरे चले जाने के बाद
जिन्दा रहेगी मेरी आरजूएं सदा ....
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सर पर छाता ओढ़कर रातका
सोये रहे हम ख्वाबोंकी बारीशसे बचते हुए .....
सुबह जीनेकी कोई वजह न मिली ,
ख्वाब रूठकर चले गए थे .....
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मेरे जीवनके पयमाने
कभी इतने जायकेदार न होते ,
गर हर जाममे चंद बुँदे
घुली न होती अश्ककी......
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दिलासोंको मुझ पर मत जाया कीजिये ,
हर दर्दसे दोस्ताना है मेरा चलते है मेरे साथी बनकर सदा ......

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