बस आज यूँही अचानक तन्हाईके आलममें
फिर उसकी याद आ गयी ....
वो जो होठों पर मुस्कराहट लेकर चला आता था ,
वो जो सिर्फ बोलता जाता था ,
वो जिसे सुनना मेरी आदत हो चुकी थी ,
वो जो कुछ भी नहीं कहकर बहुत कुछ समजा जाता था ,
वो जिसकी बाते कुछ और थी
वो जिसकी बातोंका मतलब भी कुछ और था ,
वो जिसकी बातें तो सिर्फ एक बहाना थी
वो जो मेरे साथ गुजरे वक्त को सिपीमे कैद करके ले जाता था ,
वो जिसके साथ मैं तो हरदम थी ,
वो जो मेरे ख़ुशी को वजह था ...
वो जिसे भुलाना मुमकिन नहीं था ...
वो जिसे शिकवा रहा मैंने याद क्यों नहीं किया ....
वो जो जिसे आज पहली बार कह रही हूँ ....
वो तुम मेरी सांस हो जिन्दा रहनेकी वजह हो ...
वो तुम क्यों दिल की धड़कन बन गए ????
फिर उसकी याद आ गयी ....
वो जो होठों पर मुस्कराहट लेकर चला आता था ,
वो जो सिर्फ बोलता जाता था ,
वो जिसे सुनना मेरी आदत हो चुकी थी ,
वो जो कुछ भी नहीं कहकर बहुत कुछ समजा जाता था ,
वो जिसकी बाते कुछ और थी
वो जिसकी बातोंका मतलब भी कुछ और था ,
वो जिसकी बातें तो सिर्फ एक बहाना थी
वो जो मेरे साथ गुजरे वक्त को सिपीमे कैद करके ले जाता था ,
वो जिसके साथ मैं तो हरदम थी ,
वो जो मेरे ख़ुशी को वजह था ...
वो जिसे भुलाना मुमकिन नहीं था ...
वो जिसे शिकवा रहा मैंने याद क्यों नहीं किया ....
वो जो जिसे आज पहली बार कह रही हूँ ....
वो तुम मेरी सांस हो जिन्दा रहनेकी वजह हो ...
वो तुम क्यों दिल की धड़कन बन गए ????
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