आज मेरी ख़ामोशी को समजो,
आज मेरी तन्हाई को समजो ,
आज मुझसे ज्यादा तुम खुद को समजो ...
देखो मैं तुम्हारे खयालोमें हरदम हूँ तुम्हारे साथ ही ,
बस आँखें बंद करके तुम खुदमे समाई हुई मुझको समजो .....
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
अति सुन्दर....
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