एक सुनी सुनी सी सुबहमें
एक सुनी सुनी सी बात याद आ जाती है ....
दिल के किसी कोनेमें ख़ामोशीसे लेटी हुई
वो मुलाकात याद आ जाती है ......
वो सूखे पत्तो पर कदमोसे
फिजाओंमें गूंजी वो सरसराहट याद आ जाती है .......
वो हवाओंके पंख ओढ़े हुए
पानीकी लहरों पर बहती हो जैसे
वो मध्धम मध्धम सूरोंसे सजी
तेरी हँसी याद आ जाती है ....
वो रोशन हुई थी शमा
अँधेरेका पकड़कर दामन हौलेसे
वो तेरे रुखसार पर आकर रुकी अनायास
वो झुल्फकी लट याद आ जाती है ......
वो गिरते देखना रिमज़िम सावनको
अपनी कोरी हथेली पर
वो तेरे मासूम चेहरे पर
रूकती फिसलती शबनम याद आ जाती है .....
वो नीले अम्बरकी छतके तले
लम्बी रातोंमें सोने की नाकाम कोशिश करते
वो भूलने के भ्रममें जीते हुए
तेरे साथ ली हर सांस याद आ जाती है ...
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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विशिष्ट पोस्ट
मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
kya baat hai , [ dil ke kisi kone men ------] shabdon va bhavnaon ka adbhut samnvay ,rachana virah ki tathyatmakata ko bakhubi snjote huye
जवाब देंहटाएंmukharit ho rahi hai , bahut sundar shilp.
sadhuvad .