भीगे कपड़ो में भी तन कोरा ही रहा ,
भीड़में भी ये दिल तनहा ही रहा ,
प्यार के फुल तो खिले थे इस बाहरमें भी ,
बस उसकी खुशबूसे क्यों मेरा ही मन कोरा रहा ????
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
9 सितंबर 2010
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विशिष्ट पोस्ट
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आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
सुन्दर !
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