तेरी लिखावटमें हर मोड़ पर मूड जाता हूँ ,
तेरे एहसासको खुद में बारूदकी तरह फूटता हुआ पाता हूँ ,
तेरी हँसीको फिजाओंमें बिखरते हुए पाता हूँ ....
आयने में तेरी तस्वीर खुद की जगह देखता रहता हूँ .......
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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विशिष्ट पोस्ट
मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...

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रात आकर मरहम लगाती, फिर भी सुबह धरती जलन से कराहती , पानी भी उबलता मटके में ये धरती क्यों रोती दिनमें ??? मानव रोता , पंछी रोते, रोते प्...
sundar !
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