कहीं कोई उम्मीद बाकी है
वर्ना रोज खिड़की पर निगाहें नहीं दौड़ जाती !!!!
कहीं कोई उम्मीद बाकी है
वर्ना इंसानियतका नर्म चेहरा यूँ नज़र नहीं आता !!!
कहीं कोई उम्मीद बाकी है
वर्ना तुम पर यूँ ऐतबार कायम ना होता !!!!!
कहीं कोई उम्मीद बाकी है
ना उम्मीदीकी सारी वजह के बाद हमारी यूँ मुलाकात नहीं होती !!!!!
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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जवाब देंहटाएंवाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा
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