कहीं दिनके उजालोंमें
कहीं रातके गहरे सायोंमें
मैंने देखा इस दुनियाका रंग रूप
बदलते चेहरे और रुखसारों पर ......
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हम रहे या न रहे ,
तेरे दिलमें मेरा बसेरा है
यकीं था तुम पर ख़ुद से ज्यादा ....
वक्त करवट लेते ही बदल गया हर रंग ,
लौटा तुझ पर भरोसे से ,
बिखरे मिले आँगनमें ख्वाबके आशियानेके
टुकड़े बिखरे बिखरे से .........
bahut sundar..bahut khoob
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