भाषा पर लड़ लेने वालों
आज मुझे तुम पर लाज आती है ,
शूक्रिया अय उपरवाले
तुने मुझे गूंगा बनाया है ....
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बोल बोल कर तुम क्यों इतना शोर मचाते हो ?
शब्दों की अहमियत को यूँ जाया करे जाते हो ....
कुछ पल चुप कर देख भी लो , तुम जो सुनाना चाहते हो ,
खामोशी की सदायें ख़ुद ही ये बता देती है .....
शूक्रिया अय उपरवाले
जवाब देंहटाएंतुने मुझे गूंगा बनाया है ....
जीवन की अभिव्यक्ति का सच।
badhai ho achhe lekh ke liye ???
जवाब देंहटाएंJai Ho Mangalmay Ho
bahut khoob, very well written.
जवाब देंहटाएंMy New Blog