पुराने छातेके छेदसे कुछ बारिश हो रही थी ,
मैंने उस छोटी बारिशमें भीग रही थी ...
अपनी मशरूफ जिंदगीमें कुछ ऐसे छेद बना दो ,
पल दो पल मेरे लिए निकालकर मेरी जिंदगी भीगा दो ....
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बादामी आँखोंका समुन्दरमें हिचकोले लेकर लहरे झूम रही ,
अपने प्रियतम बादलकी बूंदोंको घूंट घूंट कर पी रही ,
आज इस आँखोंके समुन्दर को कुछ सिमटा कर झील बना दी
और उसमे अपने सपनोके कागज़ की नाव बनाकर तैरा दी ......
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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विशिष्ट पोस्ट
मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
अपनी मशरूफ जिंदगीमें कुछ ऐसे छेद बना दो ,
जवाब देंहटाएंपल दो पल मेरे लिए निकालकर मेरी जिंदगी भीगा दो ....
waah bahut hi badhiya.