आज रात बहुत ही आंधी और तूफ़ान के साथ तेज बारिश हुई ...
प्रकृति का हर रंग अपनी उफान पर था , और चाँद पर कदम रखने वाला इंसान लाचार उसका तांडव नृत्य देखता रहा ...बिजली ने जम कर फोटो खींचे इस दुनिया के ..बादल ने गरजकर अपना राग मेघ मल्हार का आलाप कर लिया ...बहुत ही प्रतीक्षा के बाद ये बारिश आई तो सही लेकिन उसने भी मन भर कर नृत्य किया तो इंसान डर सा गया .....जब बारिश थमी तो जरा देर के लिए नींद आ पाई ...कहते है की बहु और बारिश दोनों को कोसा जाता है ...आए तो भी न आए तो भी ...रात को डेढ़ बजे कोयल डर के मारे चीख रही थी ...मोर भी चुपचाप कहीं पेड़ के निचे छुप गया होगा ...मेंढकके मौसम के अभी थोडी देर सी है ...और हरी घास की जमीं के निचे दबी कोंपलको इंतज़ार है बस फुटने का ....
आप कभी बारिश में बहार निकलो एक बार सभी के चेहरों को देखने का लुत्फ़ ले कर देखो ...सबसे अच्छी जगह है ट्रैफिक सिग्नल ..जब वेहिकल रुकते है तब देखो ...मोटर कार बस को छोड़कर हर चेहरे पर जैसे कुदरत अपने हाथों से चेहरा धोने आई हो इस तरह बारिश की बुँदे उसके चेहरे से फिसलती है ..इंसान का एकदम सच्चा चेहरा जो ब्यूटी पार्लर में लिपा हुआ नहीं होता आप देख सकते हो ....कभी बिना रैन कोट पहने रिमज़िम बारिश हो रही हो तब लॉन्ग ड्राइव पर स्कूटर या साइकिल या मोटर साइकिल पर अकेले ही सैर पर निकल जाओ ...अकेले ही ...मैं तो हर सीज़न में एक बार ये जोय रायिद कर ही लेती हूँ ...वापस आकार अदरख की चाय पी लो ...हजारों रूपये खर्च करने के बाद भी ऐसा आनंद शायद ही मिले ....
बस यूँही सुबह छत पर से निचे झाँख कर देखा तो प्रकृति रात के हंगामे के बाद बिल्कुल नि: शब्द थी । उसका हर हरा पत्ता एक नया निखार लिए खुश था ...झूम रहा था ...और हम घर में आए पानी को निकलने मैं व्यस्त थे ...
आप के यहाँ बरसात हुई! हम आस लगाए बैठे हैं।
जवाब देंहटाएंbahut sahi,baarish ka maza hi kuch aur hota hai,upar se adrakwali chai ho ,waah.
जवाब देंहटाएंबाहर खिड़की के पानी गिर रहा है और आपकी पोस्ट मज़ा दुगुना हो गया है।
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