आंधी तूफान
संगी साथी है तेरे
पहली वर्षा .....
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चुपके छुई
रात बुन्दोने भूमि
फिजा महकी .....
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चुपके हुआ
धरती का नर्तन
बुन्दोंमें नहा ....
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जुल्फें बरसी
शबनमी मौसम
भीगा चेहरा ......
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खता तेरी है
प्यार हो ही जाना था
भीगे हुस्न से ......
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चुपके छुई
जवाब देंहटाएंरात बुन्दोने भूमि
फिजा महकी .....
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चुपके हुआ
धरती का नर्तन
बुन्दोंमें नहा ....
प्रीती जी प्रक्रति क| बहुत ही खूब मानवीय बर्णन किया है बधाई स्वीकार करे
सादर
प्रवीण पथिक
9971969084
अच्छे हाईकु!
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