मेरे ख्वाब ...मेरे सपने ....पलकोंमें सजाकर रखे है ,
टूट जाना इनकी फितरत नहीं ,ये मेरी हर साँसमें समाये है ,
जब खुलती है मुंदी हुई पलकें ,वे दिलकी दिवार पर ख़ुद को तराश जाते है ,
और फ़िर इन ख्वाबोंकी ताबीर जुनूं बनकर जिंदगी का मकसद बन जाते है ........
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तुम्हे तनहा कभी छोड़ा नहीं है जरा झांककर देख लो एक पल ,
मेरे ख्याल मेरे सपने तुम्हारे सपने बनकर हर कदम साथ है .......
bahut khub
जवाब देंहटाएंbahut badhiya
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा आपको पढकर।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }