27 दिसंबर 2011

तेरे चले जाने के बाद ......

मैं किसीकी आँखका नूर बन गया ,
मैं किसीके दिलका करार बन गया ,
जब हम हुए हकीकतोंसे रूबरू ,
मैं किसीका टुटा हुआ ख्वाब बन गया ....
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शर्तोंसे प्यार करती हुई दुनियामें,
हम हार गए हर बाज़ी इस दुनिया की ,
क्योंकि हमने प्यारको पूजा समजा ,
हम खुदके घरका ठिकाना भूल गए ....
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नज्मोंमें कैद अल्फाज़ क्यों दर्दका सैलाब लाते है ???
एक किताबमें छुप इस दुनिया को रुलाते है ???
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वो तुम्हारे एहसास को समजी है दुनिया
जब तुम इस दुनिया को ही छोड़ गए ,
खुदको काबिल बना दिया तुमने खामोश रहकर
किसीके लिए तुम खुदा किसीके लिए काफ़िर बन गए ....
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इबादत ,बंदगी इस जिंदगीके लिए कैसे करें हम ???
मेरी जिंदगी तो किसीके पास रेहन पर पड़ी है ...
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गुस्ताखी तुम्हारी जिसकी सजा बस काटे हम ,
ये मेरी किस्मत मेरी रेखाओंने लिखी है तेरे चले जाने के बाद ......

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