ये कमबख्त हंसी और अश्क दोनों ही धोखा दे जाते है ,
छुपाना चाहे उसे तब ही बिना पूछे बहार आ जाते है ....
मुझे जब कहना होता है बहुत कुछ
तब ही कमबख्त लब्ज़ धोखा दे जाते है ....
जब उसके मक़ाम पर पहुँचते है चलकर
तो ये कदम ही धोखा दे जाते है ........................
उनके दीदारका वक्त आता है ,सामना होते ही उनसे ,
हयासे जुकी पलकें धोखा दे जाती है ...
उनके छूते ही मेरी उँगलियोंको
ये दिलकी धड़कन भी धोखा दे जाती है ......
जब ये एहसास होता है की हम उनके सबसे करीब आ गए है ,
और फिर आन पड़ी ये दूरियां भी धोखा दे जाती है .......
बहुत कुछ कहे चुके है ,अब बिन कहे समज भी जाओ ,
दूरियां अब झेलना मुमकिन नहीं
ये न हो की लौटकर आओ तुम
और मेरी साँसे ही मेरे जीवनको धोखा दे जाए .....
छुपाना चाहे उसे तब ही बिना पूछे बहार आ जाते है ....
मुझे जब कहना होता है बहुत कुछ
तब ही कमबख्त लब्ज़ धोखा दे जाते है ....
जब उसके मक़ाम पर पहुँचते है चलकर
तो ये कदम ही धोखा दे जाते है ........................
उनके दीदारका वक्त आता है ,सामना होते ही उनसे ,
हयासे जुकी पलकें धोखा दे जाती है ...
उनके छूते ही मेरी उँगलियोंको
ये दिलकी धड़कन भी धोखा दे जाती है ......
जब ये एहसास होता है की हम उनके सबसे करीब आ गए है ,
और फिर आन पड़ी ये दूरियां भी धोखा दे जाती है .......
बहुत कुछ कहे चुके है ,अब बिन कहे समज भी जाओ ,
दूरियां अब झेलना मुमकिन नहीं
ये न हो की लौटकर आओ तुम
और मेरी साँसे ही मेरे जीवनको धोखा दे जाए .....
सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंआपकी भावनाएँ मन को छूतीं हैं.
आनेवाले नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.