जिसे चाहते थे अपनी हर सांसके साथ
आज हमारे दरम्यां ये दूरियां क्यों है ??????
कहते थे हमें वो तुम बिन एक पल भी जीना गवारा नहीं ,
फिर इतने फासले बन गए क्यों ?
शायद ये हमारी ग़लतफ़हमी होगी
की उनकी रहमदिलीको हमने प्यार समजने की गुस्ताखी कर ली .....
हमारे दिल का क्या कसूर था ,
की उन्होंने हमसे यूँ झटक लिया अपना दामन ???
या फिर उनको हमसे कोई बात से शिकवा हो गया ???
इस सारे सवाल के जवाब है तुम्हारे पास ही ...
हमारे तो सवाल भी आधे अधूरे से है तुम बिन ....
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
6 जुलाई 2011
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