मुझे वो जलती धुप जला ना पाई ,
तेरे प्यार का साया मेरे सर पर था ......
मुझे बर्फ की ठंडक सिहरा ना पाई ,
तेरे प्यारकी गर्माहट मेरे आंचलमें थी .....
मेरे पैर सहराको नंगे पाँव पार कर गए ,
क्योंकि तेरा दुपट्टा मेरे हर कदम पर बिछा था .......
मैं सबसे ऊँची पहाडी पर जा पहुंचा ,
क्योंकि तेरा हौसला मेरे साथ था .........
आज मेरी दुनिया उजड़ गयी ,
मेरे पास धनदौलत सब कुछ था बस एक तु और तेरा प्यार ना था ......
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
विशिष्ट पोस्ट
मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
waah......umda kavita
जवाब देंहटाएं