ख्याल एक काली स्याह बन
एक प्रवाहमें घुल जैसे
शब्दका सैलाब बनकर
सिमट जाते है कलममें ......
एक सफा एक दवात
कभी पैनी धार धरके तेग बन जाती है ,
कभी हुस्नकी इबादतके शब्दचित्र बनाती है ....
कभी सारी बहारोंके रंग खुदमें समेट ले आती है ...
कभी दिलके दर्दको कूट कूटकर बस बह चलती है ....
एक बिन स्याहकी कलम बांज नहीं होती कभी ,
क्योंकि अल्फाज़की उसमे कमी नहीं होती ,
उस कोरे कागज़ पर पढ़ लेने के लिए
बस हमारे पास आंख नहीं होती ....
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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विशिष्ट पोस्ट
मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
bahut sundar
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर।
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