उड़ती है धरती एक एक जर्रे जर्रे का रूप धर ,
पता नहीं किस ख़ुशीसे वो हवा के संग बहती है ????
लगता है कोई कह रहा है कानमें जैसे
एक जर्रे को भी बादलसे मोहब्बत हो गयी हो जैसे ....
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
21 मई 2011
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