31 जनवरी 2012

मुझे पुकार रही है ,

आज फिर एक बार जिंदगी मुझे पुकार रही है ,
और मेरे पास वक्त नहीं उसकी तरफ देखने का ,
क्या है कभी जिंदगी बोर होती है 
तो वो मुझे बुलाती है ,
और जब मैं बोर होती हूँ तो ...
तो ...
तो ...
मैं कुछ धमाल करना शुरू कर देती हूँ ...

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