9 जनवरी 2012

कोई खुद तनहा है

बीते हुए लम्हों के लिए आज रोया नहीं करते ,
गुजरे हुए कल के लिए आजको खोया नहीं करते ...
====================================
मेरी मुस्कुराहटोंके साथ देखा मैंने लोगोंका हुजूम भी ,
हैरत हुई मुझे जब मेरे गमके लम्होंमें कोई मेरे साथ नहीं था ....
सिखा एक सबक थाम लो उनका हाथ जिसके साथ गममें नहीं कोई ,
खुशियाँ बांटनेके लिए उसके साथ लोगोंका कारवां जरुर होगा ....
============================================
कोई खुद तनहा है ,
किसीको तनहा छोड़ दिया किसीने ,
लेकिन वो तन्हाई थी जिसमे
मेरे साथ थे तुम ये सच जाना मैंने .....

2 टिप्‍पणियां:

विशिष्ट पोस्ट

मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!

आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...