पेट्रोल महँगा ,अनाज महँगा ,गेस महेंगी , हर चीज महेंगी .......
तो फिर सस्ता क्या है ?????
महज इंसान की जिंदगी ..................
यहाँ कुदरती मौत मरना महँगा हो गया है ,
गर हादसों ,दुर्घटनामें होती है मौत तो मुआवजा तो मिलता है .........
जिन्दा इंसानकी कहाँ कीमत होती है यारो ???
अब तो मरने पर एल आई सीकी रकम की अदायगी होती है .......
जिन्दा इंसान घसीटकर जीता है जिंदगी ,
उसे घसीटने पर मजबूर करने वालो की सात पीढ़ी तर जाती है ........
पीढ़ीका व्यापारी तो मरनेके बाद कुछ न दे चाहे ,
बम विस्फोटमें या फिर रेल दुर्घटना हो या बाढ़ पीड़ित
मरनेवालेकी कीमत पांच लाख तय होती है ..........
अब तो सोच आती है ये
की जिंदगी कीमती है या मौत ?????
जो हमारी जिंदगीकी बागडोर वहशी दरिंदोके हाथ दे जाती है ???????
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