कोई नगमेका सूर हो तुम ???...
एक तरन्नुम हो या एक ग़ज़ल ???...
एक साज एक आवाज एक बदला सा एहसास हो तुम ....
साँसोंमें समाकर दिल में उतरता हुआ एक अनदेखा ख्वाब हो तुम ....
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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विशिष्ट पोस्ट
मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...

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खिड़की से झांका तो गीली सड़क नजर आई , बादलकी कालिमा थोड़ी सी कम नजर आई। गौरसे देखा उस बड़े दरख़्त को आईना बनाकर, कोमल शिशुसी बूंदों की बौछा...
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रात आकर मरहम लगाती, फिर भी सुबह धरती जलन से कराहती , पानी भी उबलता मटके में ये धरती क्यों रोती दिनमें ??? मानव रोता , पंछी रोते, रोते प्...
hummmmmmmm साँसोंमें समाकर दिल में उतरता हुआ एक अनदेखा ख्वाब हो तुम .... mujhe kuch gadbad lagti hai...
जवाब देंहटाएंwaise kuch alag hai....!!
Jai ho mangalmay ho