21 अगस्त 2010

हमारी संस्कृति

एक नया दिन एक नयी सुबह एक नयी सांस,

फिर ये मन क्यों पुराना ?

पहनी जींस और टी शर्ट है

फिर भी मन क्यों पुराना ? ख्याल को नए ना होने की पाबन्दी है

मेरे दोस्तों ख्याल अगर बदले

तो भारतीय संस्कृति की पहचान क्या रहनी है ?

क्रिसमस मनाएंगे हम खूब धूम मचाएंगे

लेकिन हमारी नयी पीढ़ी को हम

पुरानी पाबन्दी की जंजीरोंमें ही जकडे जायेंगे ....

खायी है कसम ये हमने की हम

अपनी भारतीयताकी पहचान नहीं गवाएंगे ....

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