मैं जिन्दा हूँ ये एहसास दिलाना पड़ता है खुद को हरवक्त ....
पता नहीं ये किस मोड़ पर जा चुकी है जिंदगी
पता ही नहीं चलता की ख़ुशी है या गम इन राहों में ....
जिंदगी यूँ दोराहो पर ना छोड़
या तो पूरी तरह गमके कांटे बन बिछ जा जिंदगी में
या फिर फूलों की चादर बनकर बिखरती रह यहाँ .....
तड़प गया हूँ .घुटन हो गयी है ....
बस एक सांस दे दे ...एक सदा दे ....
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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bahut sunder ehsaas ke saath ........bahut sunder shabdon se bhi sanjoya hai aapne is rachna ko....bahut achchi lagi yeh post....
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