8 अगस्त 2010

ये दिल तो ??!!

दफन करके लौटा हूँ
वो सारी मुलाकातें तुम्हारी ,
यादें तुम्हारी ,किस्से तुम्हारे ,
तुमसे निजाद पाने का एक रास्ता ये भी था ......
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नयी कोपलें फुट कर बाहर आ गयी
जहाँ मेरे अरमान दफन थे ,
फिर सहेजे उसे अहेसासकी बूंदोंसे
फिर दिल ज़ख्मवार होने बेताब था तो ....

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