15 फ़रवरी 2010

फिर आप याद आते रहे क्यों ???

कल रात सपनेमें फिर आपका ख्याल आया था ,

फिर हमें दिलमें अपने ख्यालोंमें आपको ही पाया था ,

क्यों ऐसा होता है कभी ,

बिछड़ने एक अरसेके बाद भी मिलते है हम ऐसे भी ....

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उड़ती गर्दने तुम्हारी तस्वीर उभारी

जिसे दौडके कुछ अंश हथेलीमें सजा लिए हमने .....

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दो बेलोंके बीच खिले एक फूलने

जिंदगी का मतलब समजा दिया ....

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