30 दिसंबर 2008

हाइकु ....!!!



आज बात कुछ जापानके काव्य प्रकार हाइकुकी...
पहली पंक्तिमें पांच अक्षर,दूसरीमें सात अक्षर ,तीसरी पंक्तिमें पांच अक्षर......


१.सूरज आया
बादल ओढकर
बडी ठंड थी...

२.रात कानमें
गुनगुनाती रही,
दास्तां ए हिज्र....

३.रेतघडीसे
समय बह गया,
आरझू बन...

४.अश्क मुस्काये
दीदारसे तुम्हारे
कल ख्वाबमें

५.कुम कुम था
बिखरा संध्याकी ये
चुनर पर.......

६.बिजली कौंधी
उसके प्रकाशमें
मेघा बरसा....

७.उजाला आया
दीपक ज्योति बन,
तिमिर भागा...........


८।कुमकुम था

बिखरा संध्याकी

ये चुनर पर .......



९ .रात कानमें,

गुनगुनाती रही ...

दास्ताँ हिज्रकी .....


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1 टिप्पणी:

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