कभी खुद से नजर मिलाने की खता हो गई,
लगता है अब एक अजनबी से मुलाकात हो गई.
मैं देखती रही अक्स को अपने पुकार कर
नाम मेरा ही था फिर भी आवाज नई लगी.
अन्जान शहर की गली पहचानी सी लगती है,
अपनों की ही भीड़ है जिसमें मैं बेगानी लगने लगी.
लगता है अब एक अजनबी से मुलाकात हो गई.
मैं देखती रही अक्स को अपने पुकार कर
नाम मेरा ही था फिर भी आवाज नई लगी.
अन्जान शहर की गली पहचानी सी लगती है,
अपनों की ही भीड़ है जिसमें मैं बेगानी लगने लगी.
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