16 अप्रैल 2013

तेरी मोहब्बतें

कभी कभी ये चमत्कार भी नज़र आते है ज़मानेमें ,
खरोचोंके निशानोंमें से फूल खिल कर आते है ...
=======================================
गुदगुदाते है ये जख्म भी हमें अक्सर ,
गर ये तुम्हारे यादोंकी गली से आते है ....
=======================================
तुम्हे देखने को तरस गयी थी मेरी नज़र
ये नज़र का धोखा हो मेरा की वो मकां तेरा खंडहरमें रहा ...
=======================================
ज़मानेभर की झिल्लतें उठानेकी मुझमे थी ताकत ,
जब तक मेरी रगोंमें तेरी मोहब्बतें बहती रही लहू बनकर ...

1 टिप्पणी:

विशिष्ट पोस्ट

मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!

आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...