19 जून 2012

किसीके प्यारमें गरिफ्तार है ......

तेरा घर कहाँ ये पता है मुझे ,
इस लिए तेरा पता न पूछा कभी मैंने .....
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एक भूखे बचपनको
रोटी नज़र आती है चाँदमें भी ....
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खुदकी दिलकी गली भूलने वाले
भटकते रहते है दर ब दर प्यार के लिए .......
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जो दिलके करीब है वो रिश्ते जिस पर नाज़ है ,
वो भी कभी मुझे मिले थे अनजाने शहरकी अनजान डगरमें ..
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तपिशमें जब ठण्डका एहसास हो किसीको ,
तब समज जाओ वो किसीके प्यारमें गरिफ्तार है ......
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गर नए रंग भरनेकी चाहत है तुम्हे तो ,
पहले केनवास कोरा करना होगा ......

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