एक हवाके झोंकेने आकर कुछ कहा ....
जुबां थी उसकी सर्रर्र सर्रर्र सर्रर्र ..........
बूंदोंने उसके साथ आकर कहा .....
जुबां थी टिप टिप टिप टिप ........
बिजलीने कहा फिर चमक कर
गुर्रर्र गुर्रर्र गुर्रर्र गुर्रर्र ......
मुझे तलाशथी उसने आकर मेरे कानमें कहा .....
मुझे तुमसे प्यार हो गया है ,
क्योंकि मौसम बरसती है मेरे जहनमें तेरा दीदार बनकर ,
तुम जब साथ होती हो तो
भीना भीना एहसास भी है मेरे साथ है यूँ बरसात बनकर ....
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