आज एहसासकी चुनर पर झख्मोके दाग मिटा दीजिये ......
नया सर्फ़ एक्सेल तो इस्तमाल कीजिये .....
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कोई तुम्हारे नयनोमें झाँखने की कोशिश कर रहा है ,
हमारे रे बेन के सन ग्लास तो इस्तमाल कीजिये .....
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तुम्हारे दिल को चलो आज बहलाते है ,
पिज़ा हट में जाकर मोहनलाल की चाय पिलाते है ......
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तुम्हारे गुस्सेकी लाली कुछ ऐसे हश्र कर गयी ,
मेरे हाथमे न जाने कब ९०० एम् एल की आइस क्रीम खाली हो गयी ....
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क्यों तडपाते हो हमें इस कदर सुबह सुबह ,
प्रॉब्लम का सोल्यूशन तो एक ही है वो है कायम चूर्ण .............
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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