क्या देखा है कभी आवाज का चेहरा ????
हाँ ये आवाज का भी एक चेहरा होता है ....
मैंने देखा है उसे ....
कभी खिलखिलाकर हँसता हुआ ...
कभी दर्दसे सिसकता हुआ ....
कभी खामोश खड़ा हुआ ....
कभी गहराई में डूबा हुआ ....
कभी लहरोंसा जो साहिल पर टकराती है ,
कभी भौरोंकी गुंजन सा ...
उसकी कोई उम्र नहीं होती ,
उसके चेहरे पर कोई लकीरें नहीं होती ,
उसकी उम्र जिस्मकी उम्रसे परे होती है ,
वो इंसानके मिजाज़ का अक्स होती है ...
वो कभी सिर्फ सुनती रहती है ,
कभी कुछ कहती रहती है ,
कभी आँखोंके हथियार का इस्तेमाल भी करती है ,
कभी वो तलवार की धार भी बन जाती है ....
वो एक चेहरा है ,
जो हम खुद की कल्पनामें सजाकर रखते है ...
वो एक चेहरा है ,
कभी दूर सरकता हुआ ,कभी खुद की साँसोंको कान में गर्माता हुआ ...
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