ये देश जिस पर मुझे नाज़ है ,
बस ऐसा नागरिक बन पाऊं की देश को मुझ पर नाज़ हो ......
ये देशने मुझे जमीं दी रहने को घर दिया ...
उस घर को देशभक्तिकी छतसे महफूज़ हो ,
जो कपडे पहने वो किसी गरीब को रोजी रोटी दे रहा हो ,
और मेरी रोटी किसी किसानके खूनसे ना सिंची हो .....
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जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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