25 जनवरी 2011

राजनेताओको समर्पित

ये देश जिस पर मुझे नाज़ है ,
बस ऐसा नागरिक बन पाऊं की देश को मुझ पर नाज़ हो ......
ये देशने मुझे जमीं दी रहने को घर दिया ...
उस घर को देशभक्तिकी छतसे महफूज़ हो ,
जो कपडे पहने वो किसी गरीब को रोजी रोटी दे रहा हो ,
और मेरी रोटी किसी किसानके खूनसे ना सिंची हो .....
====================================

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

विशिष्ट पोस्ट

मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!

आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...