9 अगस्त 2010

रत्ती भर जगह ....

मुझे मेरी तनहाईने तनहा न किया
तेरी याद हर पल साथ चलती रही ......
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तेरी यादोंमें कल बरसात बहुत थी ,
छाता लेकर चल रहा था फिर भी भीगता रहा .....
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कोरे कोरे से दिल पर नाम लिखने की कोशिश की ,
तेरी यादोंने उस सफे पर रत्ती भर जगह ना छोड़ी थी ....

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