आपकी जिंदगीमें कभी कभी सवाल उठते है जो आपको पूछता है की क्या आप उसी मक़ाम पर हो जिसकी आपको चाह थी ???आपका करियर हो या आपकी जिंदगी का हमसफ़र !!!!!!
शायद हममें से कई का सर ना में हिला है ना ???यस !!!!
ये फर्क है हमारी अपेक्षा और हमारे हासिल के बीच में ....सोच हमेशा ऊँची होती है पर प्रयत्न थोड़े कम पड़ जाते है या फिर बहुत मेहनत के बाद भी मंजिल नहीं मिल पाती ......इसका एक कारण ये है की दुनिया जहाँ की बाते जानते है पर अपने आपको नहीं जानते .....मैं देश की एक अच्छी एथलीट बनना चाहती हूँ ...मैं अगर शारीरिक रूपसे कमजोर हूँ तो मैं दो काम कर सकती हूँ : एक तो अपने को स्वस्थ और मजबूत करके मैं ये काम कर सकती हूँ या फिर अपने नसीब को कोस सकती हूँ ...अपनी सारी स्थितियों को कोस सकती हूँ और किसी को इलज़ाम लगा सकती हूँ की इनकी वजह से मैं ये नहीं कर पायी ......
पर सच इन सब से अलग ही है ....हमें दुनिया में वही मक़ाम मिलता है जिसके लिए हम लायक होते है .......हमारा मन अगर हमारी मंजिल के बारे में ही सोचता रहे वह भी बड़ी ही शिद्दत से तो कैसे भी हम उस मक़ाम पर पहुँचते है ......पर वो वक्त अपना नहीं होता ...वो व्यक्ति वो नहीं होता जिससे हमने उम्मीद की थी .......
एक छोटा सा उदहारण देती हूँ ...बचपन में हमेशा में यहाँ के आकाशवाणी के बच्चों के प्रोग्राममें हिस्सा लेने जाती थी ...पर फिर पढ़ाई के कारण छोड़ दिया ...जब ऍफ़ एम् का जमाना आया तब वो लोग अपने श्रोताओ को बुलाने लगे ...मेरा पुराना शौक जागा पर जाने की मंजिल नहीं थी रास्ता नहीं था ....पर एक दिन ये सच हुआ ....यहाँ के एक आर जे ने अपने प्रोग्राम में मुझे श्रोताके सेगमेंट में आमंत्रित किया और मैंने एक घंटे तक हिस्सा लिया स्टूडियो में बैठकर ..........कहाँ कब कौन वो मायने नहीं रखता पर एक सोच जो सपना बनकर किसी भी वक्त आपके पास एक मौका देने आती है उसे पहचानो तो मायूसी नहीं रहती ....
बस सोचो ऐसा कुछ आपके साथ भी हुआ है कभी ????
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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विशिष्ट पोस्ट
मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
ये फर्क है हमारी अपेक्षा और हमारे हासिल के बीच में ....सोच हमेशा ऊँची होती है पर प्रयत्न थोड़े कम पड़ जाते है या फिर बहुत मेहनत के बाद भी मंजिल नहीं मिल पाती ....
जवाब देंहटाएंआप माने या नहीं पर जीवन में सब समय एक सा नहीं होता .. पर हमारी मेहनत बेकार नहीं जाती .. जीवन में आगे जरूर रंग लाती है !!