हौले से करवट लेती है मौसम ,
गरम सूरज पहने हुए स्वेटर हटा देता है ....
गरम सूरज करने लगता है मोहब्बत टूट कर धरतीसे ,
तो काले बादल आकर इस मोहब्बतसे जलकर
आंसू बहाने लगते है .......
छाते और रेनकोटसे ढंककर इंसान अपने को बचाता है उससे ,
क्या जाने ये अनजाना ये मौसममें भीगकर
कौनसी ख़ुशी को गँवा कर आता है ...
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