याति !!
आज वह तैयार हो रही थी ।एक काला जींस पेंट और लाल कढाईवाली कुर्ती ...उसका मासूम रूप और निखर रहा था ।होठो पर लिपस्टिक लगाकर उसने बड़े गौर से आयनेमें अपने आप को देखा .दो नोट बुक्स एक फेशनेबल झोले में डालकर ऊँची एडी के सेंडल पहन लिए .....
आज शायद अपनी जिंदगी के एक नए अनजान मोड़ पर पहला कदम रखने जा रही थी वह !स्कूल के युनिफोर्म को अलविदा कह चुके है । काले जूते और सफ़ेद जुराब अलविदा ...लम्बी चोटियों में काले रिबन तौबा आजसे!!! अब तो स्टेप कम लेयर कट हेयर स्टाइल बहुत फब रही थी उस पर ....बारहवी कक्षा में ८०% मार्क्स लेन के बाद याति ने हिन्दी साहित्य के विषय के साथ जब बी ।ऐ . करने की सोची तो सबको बड़ा ही आश्चर्य हुआ लेकिन ये तो याति थी दुनिया से अलग हमेशा अपनी डगर चुनने वाली और चुनौतियों का सामना करने वाली .....
मेहता आर्ट्स कॉलेज !!फर्स्ट यर बी ऐ ॥रंग बिरंगी कपडों का मेला लगा हुआ था ।कॉलेज के पहले दिन को लेकर सभी के चेहरे पर उत्साह छलक रहा था .
डॉ।प्रतिमा देसाई पहला लेक्चर लेने आई उसी वक्त हडबडाकर अखिलेश जल्दी जल्दी आकर पहली बेंच पर आकर बैठ गया जहाँ पर याति बैठी हुई थी .
एक हलकी सी मुस्कान के साथ दोनों ने एक दूसरे को हेल्लो कहा ।
तीन लेक्चर के बाद कॉलेज के बाद याति पार्किंग में स्कूटी लेने के लिए आई तब अखिलेश दौड़ता हुआ आया ," अय !हेलो !! आपका मोबाइल छोड़ आई थी।"
" धन्यवाद !!" याति ने कहा ।
"क्या मैं आपका नाम जान सकता हूँ ?" अखिलेश ने पूछा ।
" ये हेलो अच्छा है ॥ जब अपना नाम बताना मुनासिब लगेगा तब बता दूंगी ।"किक लगाकर याति हवा से बातें करती हुई चली गई .
पहले टर्मिनल टेस्ट में याति और अखिलेश दोनों क्लास में प्रथम आए ।और अब उनके बीच शुरुआत हुई दोस्ती की जो आगे चल कर प्यार में बदल गई .पढाई में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा लेकिन उतनी ही गहरी दोस्ती .
तीसरे साल की शुरुआत में अखिलेश को रोड एक्सीडेंट हुआ ।हाई-वे पर उसकी मोटर साइकिल एक ट्रक से टकरा गई .अखिलेश का बहुत ही ज्यादा खून बह गया . बोत्तले चढानी पड़ी . तीन माह के बाद वह स्वस्थ हो गया .याति ने पढ़ाई में उसकी भरपूर मदद की .तीसरे साल इम्तिहान में सुवर्ण चंद्रक दोनों को संयुक्त रूप से दिया गया .याति आई .ऐ .एस .अफसर बनना चाहती थी .अखिलेश हिन्दी साहित्य में डॉक्टरेट करके प्राध्यापक बनना चाहता था .
दोनों के परिवार के बीच भी दोनों की वजह से गहरा रिश्ता बन चुका था ।और सभी उन दोनों की शादी के लिए भी सहमत हो गए थे .
याति आई ।ऐ.एस .के इम्तिहान में पास हो कर उदयपुर में नायब कलेक्टर बनकर चली गई .यहाँ पर अखिलेश भी डॉक्टरेट पुरी करने पर था .इंटरनेट और टेलीफोन के जरिये दोनों एक दूसरे के निरंतर सम्पर्क में थे .रोज रात १० से ११ बजे तक फोन पर बातें करना उनका क्रम था .
याति एक महीने की छुट्टी पर सूरत अपने घर पर आई ।अखिलेश को मिलकर वह दूसरे दिन साहित्य सभा में मिलने कह कर चली गई .दूसरे दिन उसने पारले पॉइंट पर अखिलेश का इन्तजार किया पर वह नहीं आया तो वह उसके घर पहुँच गई .वहां पर उसे पता चला की अखिलेश को बुखार था अतः वह अभी डॉक्टर के पास गया हुआ है .याति वहां पर पहुँची . पांच दिन तक दवाईयां लेने पर बुखार कम नहीं हो रहा था .इस वक्त याति उसके साथ ही पुरा दिन गुजारती थी . डॉक्टर ने कुछ एडवांस टेस्ट करने के लिए सलाह दी .ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया .HIV positive ...
उस वक्त याति उसके साथ ही थी । अखिलेश और याति के सामने उनके सपनों का महल ढह कर खंडहर हो रहा था .दोनों घर जाने की जगह तापी नदी के के पूल के किनारे खड़े होकर बहती हुई नदी को निहारने लगे .अखिलेश को उसके घर छोड़कर याति अपनी कारमें घर गई .अखिलेश की रिपोर्ट की बात सभी को बताई . पूरे घर को मायूसी ने घेर लिया . दो महीने बाद जहाँ पर शादी की शहनाई बजनी थी वहां पर मातम छ गया .रात भर कोई सो नही पाया .खामोशी की चादर ने पूरे परिवार को अपने पहलू में लपेट लिया .
लेकिन ये याति गहरी नींद सोयी हुई थी !!!!
सुबह नाश्ता करने सभी खाने की मेज पर बैठे थे ।मौन !! याति बोली ,"पापा मम्मी , हालात चाहे बदल गए हो मैं अपने फेसले पर अटल ही हूँ .मेरी शादी तय किए गए दिन पर अखिलेश के साथ ही होगी ."
फटाफट नाश्ता करके वह तो चली गई और पीछे छोड़ गई सबके जहन में एक सवाल !!!एक बात तो साफ थी याति की समजदारी पर सब को पुरा विश्वास था ।पर उसके इस निर्णय में शामिल होना सभी के लिए मुश्किल था .
याति सीधी पहुँची अखिलेश के घर !!!
वहां पर अखिलेश और उसके माता पिता के आगे उसने वही बात दोहरा दी ।उसकी आवाज में निर्णय की मजबूती साफ ज़लकती थी .
अखिलेश ने कुछ कहने के लिए मुंह खोलना चाहा तो याति ने अपनी हथेली उस पर धर दिया और कहा ,"अखिलेश , मुझे तुम्हारा एक्सीडेंट याद है ।और ये चढाई गई खून की बोत्तले का परिणाम ही हो सकता है .अगर शादी के बाद ये बात सामने आती तो ? तो सब क्या करते ?"
"अखिलेश मैंने तुम्हारे सम्पूर्ण अस्तित्व को अपनाया है ...हर खुशी हर गम को .....इसी लिए मैं तुमसे तय हुए दिन पर ही शादी करके तुम्हारी दुल्हन बन कर आ रही हूँ ।यार !! और अभी जरूरी दवाई लेकर स्वस्थ जिया जा सकता है तो डर कैसा ?? अब तो A R T की चिकित्सा उपलब्ध है .संयम बनेगा हमारे प्यार का साक्षी .नामुमकिन कुछ भी नहीं ...."
दो महीने बाद याति दुल्हन बनकर उस घर में आ गई ।
दो साल के बाद दोनोंने मीरा नाम की एक साल की लड़की को अनाथालय से गोद लिए जिस के साथ उनकी जीवन बगिया में बहार आ गई ....
( एड्स एक खतरनाक बीमारी है पर उसके हजारो मरीजों को समर्पित है ये कहानी ...... उनको अपनाओ ...)
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
विशिष्ट पोस्ट
मैं यशोमी हूँ बस यशोमी ...!!!!!
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...

-
रात आकर मरहम लगाती, फिर भी सुबह धरती जलन से कराहती , पानी भी उबलता मटके में ये धरती क्यों रोती दिनमें ??? मानव रोता , पंछी रोते, रोते प्...
-
खिड़की से झांका तो गीली सड़क नजर आई , बादलकी कालिमा थोड़ी सी कम नजर आई। गौरसे देखा उस बड़े दरख़्त को आईना बनाकर, कोमल शिशुसी बूंदों की बौछा...
सुन्दर भाव भरी कहानी है.. पाठकों तक एक संदेश भी पहुंचाती है मगर इस संदेश को जीवन में समाहित कर पाना किसी के लिये इतना आसान नहीं होगा.....
जवाब देंहटाएं