मुस्कानके नकाबके पीछेके अश्क दिख जायेंगे.......
=====================================
दरख्तकी छांवमें कोरी जमीं कुछ पायी गयी,
बारीशमें नहा गई सारी फिजा पर मेरी रुह कोरी रही...............
========================================
इस दिवानगीके आलममें
फिरसे हमें आयनेसे प्यार हो गया.......
=========================================
बूंदे फिसल जाती भले हथेली से ,
रूह में वो तस्वीर सी समां जाती है ,
कभी दिखा न पाये भले आपको ,
दिलको तो हमेशा भीतरसे भिगोये जाती है ….
बहुत खूबसूरत रचना पेश की है आपने
जवाब देंहटाएंमेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
अरे वाह बहुत ही बेहतरीन हर एक शेर अपने आप में सवा शेर का काम कर रहा है बहुत ही खुबसूरत रचना ढेरों बधाईयां
जवाब देंहटाएंइस दिवानगीके आलममें
जवाब देंहटाएंफिरसे हमें आयनेसे प्यार हो गया.
बहुत खुब कोरा रह जाने के बाद कहाँ भिगने को दिल करता है सिर्फ आईना ही तो अपना सा लगता है जिसके लिये यह दिल धड्कता है....
बहुत बढिया लिखा है ...
जवाब देंहटाएंkya baat hai wah
जवाब देंहटाएं