दरवाजा खोलते ही एक निमंत्रण पत्रिका पड़ी हुई मिली तेजस वह पत्रिका लेकर सोफे पर बैठ गया अन्दरसे एक चिट्ठी निकली वह पढने लगा
"दोस्त तेजस,मानसी के नए प्रकाशन गृह के शुभारंभ के अवसर के साथ ही आज दोपहर के मैं उसके साथ शुभ विवाह कर रहा हूँ ,सिविल मैरिज होगी शामको हमारे रिसेप्शन के समारोह में आने के लिए निमंत्रण दे रहा हूँ हमारी पुरानी दोस्ती के नाते.....
तुम्हारे और मानसी की जानलेवा कार दुर्घटना के बाद तुम्हारे और तुम्हारी सेक्रेटरी इशा के द्वारा सहानुभूतिसे की गई सेवा का मैं साक्षी रह चुका हूँ उसी तरह मैं मानसी की आँखों की धुंधली होती हुई रोशनी के साथ तुम्हारे और इशा के द्वारा मानसी के साथ खेले गए बेवफाई के खेल का भी मैं साक्षी हूँ ,जो कार दुर्घटना के दौरान मानसी की आँखों को नहीं दिल को भी गहरी चोट पहुँची थी
आज मैं जब उसके जीवन में प्रवेश करने जा रहा हूँ तब मेरे मन का एक बोज तुम्हारे सामने हलका कर लेता हूँ मानसी के इलाज के दौरान ही उसी खोई हुई दृष्टी लौट चुकी थी किंतु तुम्हारे और इशा के द्वारा किए गए विश्वासघातके बाद वह पूर्णरुप से टूट चुकी थी और इसी लिए उसने नेत्रहीन होने का नाटक जारी रखा तीन माहके पश्चात् तुम्हारे द्वारा भेजे गए तलाक़के कागजात पर भी हस्ताक्षर कार दिए
मानसीको मैं बचपन से जानता था मैं जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही उससे दिलोजन से चाहने लगा था पर उसकी चाहत तुम थे इसी लिए मैं तुम लोगों की जिन्दगी से दूर चला गया और नेत्र चिकित्सा में महारत हासिल करके अपनी जिन्दगी को नया मोड़ दे दिया
आज फिर जिन्दगी ने मेरी मोहब्बत को मुझसे मिलाने का फ़ैसला करा हैं शायद ....तुमसे बिछड़ने के बाद मानसी ने सबसे पहला निर्णय अपने पैरों पर खड़े होने का लिया जिसके फलस्वरूप वह आज अपना प्रकाशन गृह शुरू कर रही है मेरे साथ शादी का प्रस्ताव उसने सिर्फ़ दो दिन पहले ही स्वीकार किया है
-तुम्हारा दोस्त हर्ष ...."
चिट्ठी पढने के पश्चात् तेजस बेतहाशा रोने लगा क्योंकि इशा ने उससे नहीं एक करोड़पति की ब्लेंक चेक बुक से ही प्यार किया था उसके लिए सिर्फ़ तेजस की दौलत ही मायने रखती थी खुद तेजस नहीं उस पीडा का भार और मानसी के साथ की गई बेवफाई के एहसास के वह आज टूटने लगा ....