सिर्फ़ जिस्म अगर साथ साथ रहते हो तो मतलब नहीं कोई जज्बात का ,
फुरकत में भी दिल जब एक ही सुर में धड़कते है ,
तो अफ़साने बना करते है ,
यही तो वजह है जब किसी अजनबी भी दिल को अपना लगता है ,
अगर दिल की मोहब्बत नहीं जोड़ती हमें तो अपना भी बेगाना लगता है ....!!!!
सितारोंसे लड़कर लिख ली थी उसने भी अपनी तक़दीर ,
पर तदबीरका साथ नहीं मिल पाया उनसे ...
क्योंकि हाथों की लकीरों में ही ढूँढता रह जाता है कोई जब ,
आख़िर में इन्तजार करके लौट चुके थे जिसका इन्तजार था ....!!!
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
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