10 दिसंबर 2017

हवाओ का रुख

आज चाँद के साथ हादसा हुआ , 
देख रहा था जमीं पर तुझे,
और बीच में बादलों का आना हुआ .......
तुम बेखबर सी ख़यालो की चादर से लिपतु हुई सी ,
बेशर्म हवाओ का बहना इस कदर की, 
चेहरे से तेरे दुपट्टे का उड़ जाना हुआ ...

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