आज चाँद के साथ हादसा हुआ ,
देख रहा था जमीं पर तुझे,
और बीच में बादलों का आना हुआ .......
तुम बेखबर सी ख़यालो की चादर से लिपतु हुई सी ,
बेशर्म हवाओ का बहना इस कदर की,
चेहरे से तेरे दुपट्टे का उड़ जाना हुआ ...
जिंदगी मेरे लिए ख्वाबोंके बादल पर उड़नेवाली परी है .!! जो हर पल को जोड़ते हुए बनती है, और उन हर पलोंमें छुपी एक जिंदगी होती है ....
आज एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ जो लिखना मेरे लिए अपने आपको ही चेलेंज बन गया था । चाह कर के भी मैं एक रोमांटिक कहानी लिख नहीं पायी ...
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