कोई अफसाना कहता है कोई हकीकत ,
जीते है कुछ लोग अफसानों को ऐसे ,
फितरत ही हो जिनकी जैसे वो हकीकत ...
सोच से ऊपर उठने वाले सपनों को जी लेते है ,
सोच कर जो तकते है आसमाँ वो जी लेते है ???
किसी की सोच को दफनाकर क्या दब जाती है वो ???
कल किसी और के जहनमें आ जाती है वो ...
हकीकत जीते जीते जिंदगी उनकी अफसाना बन जाती है ,
उनकी सोच सपनों के परवाज़ पर सवार ,
आसमानों को छू जाती है बनकर फिर हकीकत ...
तन्हाई बहुत जरुरी है इन लमहों को जीने के लिए ,
मरने के बाद अफ़साने जिन्दा रहते है ,
हकीकत तस्वीर बन दीवारों पर टंगी पायी जाती है .....
जीते है कुछ लोग अफसानों को ऐसे ,
फितरत ही हो जिनकी जैसे वो हकीकत ...
सोच से ऊपर उठने वाले सपनों को जी लेते है ,
सोच कर जो तकते है आसमाँ वो जी लेते है ???
किसी की सोच को दफनाकर क्या दब जाती है वो ???
कल किसी और के जहनमें आ जाती है वो ...
हकीकत जीते जीते जिंदगी उनकी अफसाना बन जाती है ,
उनकी सोच सपनों के परवाज़ पर सवार ,
आसमानों को छू जाती है बनकर फिर हकीकत ...
तन्हाई बहुत जरुरी है इन लमहों को जीने के लिए ,
मरने के बाद अफ़साने जिन्दा रहते है ,
हकीकत तस्वीर बन दीवारों पर टंगी पायी जाती है .....
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "फ़ाइल ट्रांसफर - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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